Wednesday, July 13, 2016

नीतीश कैबिनेट की बैठक में किसानो के लिए 174 करोड़ रुपए मंजुर, 11 अन्य मुख्य एजेंडों पर लगी मुहर

नीतीश कैबिनेट के बैठक ने फिर किसानों के लिए खुशखबरी लाई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पटना में मंगलवार को अपराह्न 04:00 बजे से मंत्रिपरिषद् की बैठक हुई जिसमे 12 एजेंडों पर मुहर लगी है. नीतीश कुमार ने वर्ष 2016-17 में सिंचाई के लिए डीजल अनुदान हेतु 145.7175 करोड़ रूपये तथा आकस्मिक फसल योजना के लिए 24.2825 करोड़ रूपये, कुल 170.00 करोड़ रूपये (एक अरब सत्तर करोड़ रूपये) की लागत पर कार्यक्रम कार्यान्वयन तथा येाजना उद्व्यय एवं बजट उपबंध के अधीन व्यय की स्वीकृति दे दी है.



1. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के नियंत्रणाधीन उपशास्त्री स्तरीय महाविद्यालयों के शिक्षकों/शिक्षकेतर कर्मियों को संकल्प संख्या-630, दिनांक-21.01.2010 के आलोक में दिनांक-01.01.2006 के प्रभाव से पुनरीक्षित वेतनमान की स्वीकृति.
2. सामान्य प्रशासन विमाग 2. वितीय_वर्ष 2016-17 में बिहार कर्मचारी चयन आयोगु द्वारा प्रथम इण्टर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के T आयोजन हेतु कुल र 25,00,00,000/-(पचीस करोड़ रूपये) मात्र के बिहार आकस्मिकता निधि से अग्रिम की स्वीकृति.

3. सामान्य प्रशासन विमाग 3. बिहार प्रशासनिक सेवा संवर्ग के पदाधिकारियों को अपर समाहत्त/समकक्ष स्तर, पे–बैंड र 15,600-39,100/–, ग्रेड पे र 7,600/-से संयुक्त सचिव/समकक्ष स्तर के पद, पे बैंड र 37,400-67,000/-ग्रेड पे र 8,700/-में प्रोन्नति देने के संबंध में.

4. बिहार असैनिक सेवा में सीधी नियुक्ति हेतु बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा को ससमय आयोजित किये जाने के निमित्त बिहार असैनिक सेवा (कार्यपालिका शाखा) और बिहार कनीय असैनिक सेवा (भर्ती) नियमावली, 1951 (समय-समय पर यथा संशोधित) के परिशिष्ट घ’ में अंकित परीक्षा संरचना को संशोधित करने की स्वीकृति आयोग को प्रदान करने के संबंध में।
5. स्वास्थ्य विमाग के अंतर्गत राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेजों स्वीकृत के पूर्ण अर्हता प्राप्त 09 व्याख्याताओं की प्रवाचक/ प्राध्यापक के रिक्त पदों पर पे बैण्ड 15,600-39,100 +ग्रेड पे. 6600/15,600-39,100+ग्रेड पे. 7600 नियमित प्रोन्नति की स्वीकृति.

6. वर्ष 2016-17 में अनियमित मॉनसून/बाढ़/सूखे जैसी आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होने पर वर्ष 2016-17 में सिंचाई के लिए डीजल अनुदान हेतु 145.7175 करोड़ रूपये तथा आकस्मिक फसल योजना के लिए 24.2825 करोड़ रूपये, कुल 170.00 करोड़ रूपये (एक अरब सत्तर करोड़ रूपये) की लागत पर कार्यक्रम कार्यान्वयन तथा येाजना उद्व्यय एवं बजट उपबंध के अधीन व्यय की स्वीकृति.

7. सूचना प्रावैधिकी विभाग राज्य सरकार में e-Auction Module लागू करने तथा ई-क्रय प्रणाली में संशोधन करने के संबंध में.

8. राजीव गाँधी पंचायत सशक्तीकरण अभियान योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में र 6059.15 लाख (साठ करोड़ उनसठ लाख पन्द्रह हजार रूपये) मात्र की राशि की स्वीकृति.

9. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के कार्यान्वयन हेतु मंत्रिपरिषद् की स्वीकृति.

10. पंचायती राज विभाग बिहार ग्राम कचहरी न्यायमित्र (नियोजन, सेवाशर्त्त एवं कर्त्तव्यं) नियमावली, 2007 के नियम 6 के उप नियम (5) में संशोधन की स्वीकृति के संबंध में.

11. ग्रामीण विकास विभाग संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना एवं राष्ट्रीय काम के बदले अनाज योजना के अंतर्गत उठाव किये गये खाद्यान्न के अवशेष अंश की वसूली एवं उसकी क्षति के दायित्व का निर्धारण हेतु गठित न्यायिक जाँच आयोग (Commission of Inquiry Act, 1952 के अंतर्गत) के कार्यकाल को छः माह यथा 18.07.2016 से 17.01.2017 तक बढ़ाने के संबंध में.

12. पंचायती राज विभाग पंचायती राज संस्थाओं को समावेशी, प्रभावी रूप से क्रियाशील एवं उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से विश्व बैंक की ऋण सहायता (70 प्रतिशत) एवं राज्य अंशदान (30 प्रतिशत) से 120 मिलियन यू०एस० डॉलर की राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा स्वीकृति, बिहार पंचायत सुदृढीकरण परियोजना का पुर्नगठन करने की स्वीकृति.

Tuesday, July 12, 2016

शिवदीप लांडे: बिहार का सबसे लोकप्रिय पुलिस अफसर है, इनका रुतबा किसी सुपर स्टार से कम नहीं

सलमान खान के दबंग फिल्म का चुलबुल पांडे तो याद ही होगा जो बाहुबली छेदी सिंह को उसी के अंदाज में उसी को धूल चटा दिया।


आज हम आपको एक ऐसे ही पुलिस ऑफ़िसर के बारे में बता रहे हैं, जो सिंघम या दबंग तो नहीं पर सिंघम से कम भी नहीं है और दबंग से कम चुलबुला भी नहीं!

ये ऑफ़िसर किसी पर्दे पर या बॉलिवुड की फ़िल्म में नहीं बल्कि बिहार के पटना में मिला है.  बिहार का बच्चा भी अब शिवदीप लांडे बनने का सपना देखता है।  बिहार में शिवदीप लांडे का रूतवा किसी सुपर स्टार से कम नही है बस फर्क इतना सा है वह नकली है, और लांडे असली है।  लड़कियां तो लांडे की दिवानी है।  लोग फिल्म स्टार का औटोग्राफ लेता है मगर बिहार की लड़कियां लांडे का औटोग्राफ लेती है।


बिहार के जिस जिलों में इनको काम करने का मौका मिला, वहां के लोग इनके बहादुरी, ईमानदारी और काम देख लोग इनके फैन बन गये।
उनकी प्रसिद्धि का आलम यह है कि जब उनका ट्रांसफर पटना से अररिया हुआ तो लोगों ने अपने सिंघम की वापसी के लिए शहर में कैंडल मार्च निकाल दिया.
पटना से इनके ट्रान्सफर होने पर इनके मोबाईल पर  sms की लाईन लग गयी।  करीब 2000 लड़कियों ने इनको मैसेज किया था।

शिवदीप लांडे समर्थन में कैंडल मार्च..
पटना के इस सिंघम ने अररिया में भी क्रिमिनलों और माफियाओं के अलावा भ्रष्ट अधिकारियों की नाक में दम कर दिया और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया. शिवदीप द्वारा चलाये गए अभियानों में निशाने पर वो लोग थे, जिनके डर से लड़कियां अपने घरों से निकलने में डरती थीं

इसके अलावा ये सिंघम अपनी समाज सेवा के लिए भी पहचाना जाता है.

शिवदीप अपनी सैलेरी का 60% एक NGO में दान कर देते हैं, जो गरीब बच्चों को आसरा प्रदान करने के अलावा गरीब लड़कियों की शादी करवाता है.

इलेक्ट्रिकल इंजीयरिंग में Graduation करने के बाद शिवदीप वमन लांडे देश सेवा करना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने UPSC का रास्ता चुना और एक आई.पी.एस अधिकारी के रूप में अपनी सेवा शुरू की. पटना के Special Task Force में बतौर SP नियुक्त हुए.

Monday, July 11, 2016

मैरीन ड्राईव के तर्ज पर उससे 13 गुना लंबा पटना में बन रहा है गंगा पथ

पटना: मुंबई के मरीन ड्राईव और लंदन के टेम्स पाथ की तर्ज पर पटना के गंगा घाटों को भी जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना पर तेजी से काम चल रही है। पूरे 3330 करोड़ की यह योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है।




गंगा के तटों की खूबसूरती समेटते हुए 40 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण का काम जारी है जो लंदन में टेम्स नदी के किनारे पर बिछे 60 किलोमीटर लंबे टेम्स पाथ से तो छोटा होगा पर मुंबई के मरीन ड्राइव से तेरह गुना बड़ा होगा।

मरीन ड्राइव : गंगा किनारे 2 KM तक पिलर तैयार है।
गंगा पाथ का पूरा होना स्टेट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेक्टर में बड़ी उपलब्धि होगी. बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन के सूत्रों का कहना है कि इस टेंडर के लिए सात में से चार कंपनियों ने क्वालिफाई किया था, जिनमें फाइनली नवयुग को इंजीनियरिंग प्रिक्योरमेंट कांट्रेक्ट (ईपीसी) मोड पर टेंडर अवार्ड किया गया. गंगा पाथ में 50 परसेंट रोड और 50 परसेंट एलिवेटेड रोड बनाए जाएंगे. कंपनी को कॉरपोरेशन की ओर से लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस भी इश्यू कर दिया गया है. इस प्रोजेक्ट का कंस्ट्रक्शन कॉस्ट करीब 2000 करोड़ रुपए है. दूसरे एक्सपेंस जैसे लैंड एक्वीजिशन आदि को लेकर टोटल 3330 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है.
अभी तक 2 KM तक का पिलर तैयार हो चुका है। यह 31 अगस्त 2019 तक पूरी तरह बन के तैयार हो जाएगा।

 – टोटल 3330 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
– कंस्ट्रक्शन वर्क 2000 करोड रुपए का
– गंगा के किनारे 21.5 किमी लंबी सड़क
– पटना वेस्ट को नार्थ पार्ट से जोड़ेगी यह सड़क
– 50 परसेंट रोड और 50 परसेंट एलिवेटेड रोड बनाए जाएंगे

क्या होगा फायदा
पटना वेस्ट से होकर नार्थ बिहार जाने में पहले जहां 2 घंटे का एक्स्ट्रा सफर तय करना पड़ता था, इस ड्र्राइव वे के बनने के बाद यह डिस्टेंंस सिर्फ 20 मिनट में ही तय किया जा सकेगा.

Highlights
गंगा पाथ के नाम की भी इंटररेस्टिंग स्टोरी है. 2005 में जब इस प्रोजेक्ट का सपना बुना गया था, तो इसे गंगा एक्सप्रेस वे का नाम दिया गया. फिर बाद में इसे गंगा ड्राइव वे कहा गया. कुछ दिनों के लिए इसे सिग्नेचर रोड कहा गया, फिर फाइनली गंगा पाथ के नाम पर मुहर लग गई. ईपीसी मोड के तहत प्रोजेक्ट कॉस्ट का 60 परसेंट कंपनी और 40 परसेंट गवर्नमेंट देती है.

बिहार सरकार ने गंगा पर्यटन को विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने का महत्वपूर्ण माध्यम बनाया है। इसके तहत गंगा में तैरता रेस्तरां स्थापित हो चुका है। पटना और हाजीपुर के बीच गंगा किनारे बने टापू को पर्यटन स्थल का रूप दिया जा चुका है और गंगा आरती भी शुरू हो गई है

Friday, July 8, 2016

बिहार की बेटी जर्मनी में करेगी भारत का नाम रौशन

बिहार की बेटियां हर क्षेत्र में राज्य का नाम ही नही बल्कि देश का भी नाम शिखर पर पहुंचा रही है  बिहार सिर्फ डाक्टर, इंजिनियर या आईएएस नहीं बनता बल्कि हर क्षेत्रों में बिहारी का दबदबा है।  दूसरे लोगों के अपेक्षा हमारे पास बहुत सिमित संसाधन है बावजूद इसके हम सबसे आगे है।






आठ साल पहले 2008 में बिहार की मीरा कुमारी का चयन इंडियन टीम से लांग राइफल में शूटर के रूप में हुआ था। वह अकेली लड़की थी जिसका सिलेक्शन पुणे में आयोजित यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स में हुआ था।
तब मीरा को अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप के लिए जर्मनी जा के देश के लिए खेलना था। लेकिन उसके पास न तो राइफल थी और न ही लाइसेंस। लिहाजा, वह जर्मनी नहीं जा पाई।
फिर 2009 में भी चेक गणराज्य के लिए मीरा का सिलेक्शन हुआ था। इस बार भी वो नहीं जा सकी।
पिता प्रिंटिंग प्रेस में एक साधारण मजदूर है।  परिवार के पास इतना पैसा नहीं था कि अपनी होनहार बेटी को राइफल खरीद के दे सके।
मीरा 50 मीटर प्वाइंट 22 लांग रेंज राइफल्स की शूटर है। इसके लिए प्रतिभागी को अपना राइफल या फिर लाइसेंस की जरूरत होती है।
प्रैक्टिस भी खर्चीला होता है। मीरा बताती है कि एक गेम में 50 हजार तक का कारतूस खत्म हो जाता है। एक्यूरेसी के लिए 20 लाख का रायफल आता है।

मगर कहते है न कि मौका किसमत से नहीं काबलियत से मिलती है।  2016 में एक बार फिर मीरा को मौका मिला है। मीरा ने 15 अप्रैल से 14 मई तक दिल्ली में कैंप में प्रैक्टिस किया है और अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप जर्मनी में सितंबर में होना है।

मीरा को एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर ने करीब पौने तीन लाख रुपए का राइफल खरीद कर दिया है।
यही नहीं उसे खेल कोटे से तृतीय श्रेणी की नौकरी मिल गई है। लिहाजा, उसकी मुश्किलें आसान हो गई है।
मीरा मानती है कि शुरूआती दौर में अवसर नही मिलने से उसका परफॉर्मेंस डाउन होने लगा, जिसे वापस लाने में काफी मेहनत करनी पड़ी है।

मीरा के पिता पूर्णिया में एक प्रिटिंग प्रेस में काम करते थे। तभी एनसीसी में पार्टिसिपेंट के कारण मीरा का चयन लांग राइफल शूटिंग में हुआ था।
उसके बाद से उसे नेशनल चैम्पियनशिप में भाग लेने का अवसर मिला। वह 2008 से 2012 तक इंडिया टीम का हिस्सा रही।

26 वर्षीय मीरा बिहार के नवादा जिले के सदर प्रखंड के दलदलहा निवासी विजय चौैहान की बेटी है।
मीरा छह बहन और एक भाई में दूसरे स्थान पर है।
बड़ी बहन की शादी हो गई है। मीरा के पिता खेतिहर मजदूर हैं।खेती से बचे समय में वह प्रिंटिंग प्रेस में मजदूरी करते हैं। पांच बहने की पढ़ाई और शादी की जिम्मेवारी बाकी है।

विपरित परिस्थितियों के बावजूद, रास्ते में आए सभी रूकावतों का सामना करते हुए मीरा ने यहां तक रास्ता तय किया है। मीरा के हौसले को हमारा सलाम।  उसने यह फिर साबित कर दिया की बिहारी में इतनी क्षमता है कि अकेले पहाड का भी सीना चीर दे।

जापानी टीवी चैनेल आनंद कुमार के सुपर-30 पर बना रही है डॉक्यूमेंट्री

पटना: जापान का एक टेलीविजन चैनल पटना में इस पर डॉक्यूमेंट्री बनाने पहुंचा है कि गणितज्ञ आनंद कुमार के दिशा-निर्देश में और उनकी सुपर 30 टीम के तहत आईआईटी के लिए समाज के वंचित तबके के छात्र किस तरह तैयार होते हैं।ज्ञात हो सुपर 30 दुनिया के तीन सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में एक है, यह बिहार की राजधानी पटना में स्थित एकमात्र ऐसा संस्थान है जँहा से हर वर्ष 30 में से 30 मेधावी छात्र आईआईटी जैसे जानेमाने संस्थानों में एडमिशन पाते हैं।


टोक्यो टीवी के मसाकी होजो ने कहा, ‘‘पूर्वी भारत में आर्थिक हालात और गरीब परिवार के बच्चे शिक्षा को एक माध्यम बनाते हुए कैसे सफलता हासिल करते हैं हम इस पर ध्यान केन्द्रित करना चाहते हैं। सुपर-30 ऐसी जगह है जो उनके सपनों को पूरा करने में मदद करती है जिससे कि कई छात्र आईआइटी और जापान भी पहुंच रहे हैं।’’ सुपर 30 के दो पूर्व छात्र अब तोक्यो विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे हैं।

होजो ने कहा कि तोक्यो टीवी टीम कुछ छात्रों के परिवारों से मिलेगी और उनकी पृष्ठभूमि, उनकी कठिनाइयों और सफलता हासिल करने के उनके जज्बे को कैमरे में कैद करेगी।

डिबिया और लालटेन की रौशनी में पढ़कर बिहार के लाल बने आईएस अफसर

बिहार के छात्र काफी परिश्रमी होते हैं इसमें कोई संदेह नही, कई दशको से इसी मेहनत के बदौलत बिहारियों ने यूपीएससी, आईआईटी और न जाने कितने प्रतियोगी परीक्षाओं में परचम लहराकर बिहार का नाम ऊँचा किये हैं।
इस बार बिहार के मधेपुरा जिले के बिहार के सिखिया गांव के रहने वाले आदित्य आनंद भी अपने प्रतिभा का परिचय देते हुए कड़ी मेहनत की भट्टी से निकलकर सिविल सेवा की परीक्षा में पांचवीं कोशिश में कामयाब हुए हैं. डिबिया और लालटेन की रोशनी में पढ़कर आदित्य ने यूपीएससी में 863वीं रैंकिंग पाई है. आदित्य के गांव में बिजली और सड़क नहीं है लेकिन अब पूरा गांव आदित्य पर गर्व कर रहा है.




पटना के अनुपम शुक्ला ने 10वीं रैंक हासिल की. अनुपम 2013 में भारतीय वन सेवा के लिए चुने गए थे.

इसके अलावा पटना के कुमार आर्शीवाद को 35वीं, रवि प्रकाश को 54वीं, औरंगाबाद के विवेक कुमार को 80वीं, दरभंगा के सौरभ को 142वीं, अंजनी अंजन को 148वीं, अभिषेक गुप्ता को 202वीं, मनीष कुमार को 242वीं, दरभंगा के दीपक आनंद को 235वीं और अभिषेक सिन्हा को 392 रैंक हासिल हुए हैं.

बिहार पुलिस भी अब किसी से कम नही

बिहार पुलिस में कई दबंग और जाबांज अफसर आ चुके जिनके खौफ से अपराधी बिहार में कदम भी रखने से कांपते है अब वह दिन गये जब बिहार पुलिस सिर्फ अपने नकामी और सुस्त रवैये के लिए जाना जाता था।  पिछले 10 सालों में बिहार के साथ बिहार पुलिस की भी हालत बहुत सुधरी है।  बिहार पुलिस अब सिर्फ तोंद निकले हुए पुलिस वालो के लिए नहीं बल्कि अब बहादुर ,  जबाज और ईमानदार अफसरो के लिए देश भर में चर्चा में बनी रहती है।



बिहार पुलिस
अब बिहार पुलिस में शिवदीप लांडे जैसा ईमानदार और दबंग एसपी है जो अपराधियों को उसके ही भाषा में जवाब देते है।  एक सर्वे में लांडे को देश के 10 सबसे ईमानदार अफसर के सूची में जगह दी है।
मनु महाराज जैसे अफसर है जो आपनी बहादूरी के लिए बिहार के साथ देश में भी प्रसिद्ध है।  अपराधी मनु महाराज के नाम से ही कांपने लगते है।  अभी पटना की कमान मनु महाराज के हाथ में ही है।
विकाश वैभव जैसे अफसर जो नेताओं को उसकी औकात दिखाने से भी नहीं हिचकते हैं।  बाहुबली अनंत सिंह को विकाश वैभव ने ही जेल पहुचाया था।
सियासी हनक वाले कुख्यात माफिया सरगना बिंदी यादव और तीसरी बार एमएलसी मनोरमा देवी के सनकी बेटे रॉकी यादव की हेकड़ी तोड़ने वाली -गया एसएसपी गरिमा मलिक ने भी बता दिया खाकी को मर्द पहने या महिला कोई फर्क नहीं परता।